Overview
परिचय
विश्वविद्यालयीन शिक्षा, क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से उपलब्ध कराने की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत आवश्यक पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए चतुर्थ पंचवर्षीय योजना में केन्द्र सरकार ने प्रत्येक राज्य को इस योजना के कार्यान्वयन के लिये प्रत्येक राज्य शासन को एक करोड़ रुपये के अनुदान का प्रावधान किया था।
कार्यान्वित होने वाली योजना के लिये राज्य शासन ने पंजीयत स्वायत्त संस्था के रूप में जुलाई 1969 में मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी की स्थापना की। वर्तमान में सभी विषयों की हिन्दी में विश्वविद्यालयीन स्तर की पुस्तकें प्रकाशित करने के लिये मध्यप्रदेश के अतिरिक्त उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा एवं छत्तीसगढ़ में भी केन्द्रीय हिन्दी माध्यम निदेशालय के परिभाषा कोष के आधार पर पाण्डुलिपि तैयार कर उनका मुद्रण एवं इनके विक्रय की व्यवस्था करना अकादमी का मुख्य कार्य है।